टर्टलमिंट फिनटेक ने आईपीओ के लिए सेबी के पास प्री-फाइल्ड डीआरएचपी दाखिल किया

Turtlemint Fintech files pre-filed DRHP with SEBI for IPO

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मुंबई Mumbai: मुंबई स्थित इंश्योरटेक प्लेटफॉर्म टर्टलमिंट फिनटेक सॉल्यूशंस ने 4 सितंबर को बाजार नियामक सेबी (SEBI) और स्टॉक एक्सचेंजों के पास अपने प्री-फाइल्ड ड्राफ्ट रेड हेअरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) दाखिल किया है, जिसके जरिए वह 2,000 करोड़ रुपये तक की पूंजी जुटाने की योजना बना रही है। यह कदम कंपनी को आने वाले समय में प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) लॉन्च करने के लिए मार्ग प्रशस्त कर सकता है।

कंपनी का बयान

कंपनी ने अपने आधिकारिक बयान में स्पष्ट किया है कि “प्री-फाइल्ड डीआरएचपी जमा करने का यह अर्थ नहीं है कि कंपनी अनिवार्य रूप से आईपीओ लाएगी।” इस घोषणा के बाद बाजार में चर्चा और तेज हो गई है, क्योंकि टर्टलमिंट लंबे समय से सार्वजनिक लिस्टिंग की तैयारी कर रही थी।

कारोबार और सेवाएं

टेक्नोलॉजी-आधारित यह प्लेटफॉर्म ग्राहकों, बीमा एजेंटों और बीमा कंपनियों को जोड़ता है। इसके तहत स्वास्थ्य, जीवन और मोटर बीमा उत्पाद वितरित किए जाते हैं। इसके अलावा कंपनी म्यूचुअल फंड और लोन जैसी अन्य वित्तीय सेवाएं भी देती है।

2023-2025 के वित्तीय वर्षों के दौरान कंपनी का नेटवर्क तेजी से विस्तृत हुआ है। टर्टलमिंट का दावा है कि उसने 1.6 करोड़ से अधिक बीमा पॉलिसियां बेचने में मदद की है, जो 19,105 पिन कोड्स तक फैले ग्राहकों तक पहुंचता है। फिलहाल इसके पास 42 से अधिक इंश्योरेंस पार्टनर्स और 4.3 लाख प्रशिक्षित बीमा सलाहकार जुड़े हुए हैं।

संस्थापक और निवेशक

टर्टलमिंट की स्थापना धीरेंद्र नलिन मह्यावंशी और आनंद रोहिदास प्रभुदेसाई ने की थी। कंपनी को अब तक Nexus Venture Partners, Jungle Ventures, Peak XV Partners (पहले Sequoia Capital India) और Blume Ventures जैसे दिग्गज निवेशकों का समर्थन प्राप्त है।

प्री-फाइलिंग रूट का महत्व

हाल के समय में कई कंपनियों ने पारंपरिक प्रक्रिया के बजाय प्री-फाइलिंग रूट चुना है। इससे कंपनियों को गोपनीय रूप से निवेशकों से बातचीत करने और अपनी शेयर बिक्री योजना को अंतिम रूप देने का अवसर मिलता है। इस रूट के तहत कंपनियों को सेबी की अंतिम टिप्पणियों के बाद 18 महीनों तक आईपीओ लाने का वक्त मिलता है, जबकि पारंपरिक तरीके में यह अवधि 12 महीने होती है।

प्री-फाइलिंग रूट कंपनियों को प्राइमरी इश्यू के साइज को 50 प्रतिशत तक घटाने या बढ़ाने की भी सुविधा देता है। यही कारण है कि हाल ही में Swiggy, Vishal Mega Mart, boAt और Shadowfax जैसी कंपनियों ने भी इस प्रक्रिया को अपनाया था। ताजा रिपोर्टों के मुताबिक, फोनपे (PhonePe) भी इसी रास्ते से सितंबर के अंत तक अपना आईपीओ डॉक्यूमेंट जमा कर सकती है।

प्रतिस्पर्धा और बाजार की स्थिति

टर्टलमिंट की सीधी प्रतिस्पर्धा पीबी फिनटेक (Policybazaar की पैरेंट कंपनी) से है, जिसने नवंबर 2021 में 5,710 करोड़ रुपये का आईपीओ लाया था और वर्तमान में अपने इश्यू प्राइस से लगभग 86 प्रतिशत ऊपर कारोबार कर रहा है।

बीमा क्षेत्र में हाल के आईपीओ में नीवा बुपा हेल्थ इंश्योरेंस और गो डिजिट जनरल इंश्योरेंस शामिल हैं। नीवा बुपा ने 2024 में 2,200 करोड़ रुपये जुटाए थे और उसके शेयर इश्यू प्राइस से 14 प्रतिशत ऊपर कारोबार कर रहे हैं। वहीं, गो डिजिट ने 2,615 करोड़ रुपये जुटाए थे और उसका शेयर इश्यू प्राइस से 30 प्रतिशत ऊपर चल रहा है।

निष्कर्ष

विशेषज्ञों का मानना है कि टर्टलमिंट का आईपीओ निवेशकों को एक नया विकल्प देगा और बीमा कंपनियों के डिजिटलीकरण की दिशा में यह एक बड़ा कदम साबित होगा। कंपनी का विशाल नेटवर्क और तेजी से बढ़ता ग्राहक आधार इसे बाजार में मजबूत स्थिति देता है। अगर यह आईपीओ सफल होता है, तो भारतीय इंश्योरटेक सेक्टर में एक नया मील का पत्थर दर्ज होगा।

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By MFNews