RBI का बड़ा फैसला: अप्रैल 2026 से चांदी के गहनों पर भी मिलेगा लोन!

RBI's big decision: From April 2026, loans will also be available on silver jewellery!

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चंडीगढ़: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने एक बड़ा और महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए घोषणा की है कि 1 अप्रैल 2026 से, उधारकर्ता पारंपरिक गोल्ड-लोन (स्वर्ण ऋण) के अलावा अब चांदी के गहनों को गिरवी रखकर भी ऋण ले सकेंगे। यह कदम देश में ऋण (क्रेडिट) तक पहुंच का विस्तार करने और आम जनता को औपचारिक वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

आरबीआई के ये नए, मानकीकृत ऋण दिशानिर्देश (standardised lending guidelines) वाणिज्यिक बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs), सहकारी बैंकों और आवास वित्त कंपनियों सहित सभी विनियमित ऋणदाताओं पर लागू होंगे। इन सुधारों का मुख्य लक्ष्य उधारकर्ता के हितों की रक्षा करना, पारदर्शिता बढ़ाना और ऋणदाता की जवाबदेही को मजबूत करना है।


💰 ग्रामीण और निम्न-आय वर्ग को होगा सीधा लाभ

नए नियमों के तहत, व्यक्ति अपनी अल्पकालिक वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए चांदी के आभूषण, गहने या सिक्के गिरवी रख सकेंगे।

रूपया पैसा के निदेशक, मुकेश पांडे ने इस कदम पर टिप्पणी करते हुए कहा, “यह कदम विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में निम्न-आय वाले परिवारों और छोटे व्यवसायों के लिए ऋण पहुंच को व्यापक बनाता है, जहां चांदी का सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व बहुत अधिक है। चांदी समर्थित ऋणों से उधारकर्ताओं का एक बड़ा आधार आपात स्थिति या कार्यशील पूंजी की जरूरतों के दौरान घरेलू संपत्तियों का लाभ उठा पाएगा।”

हालांकि, आरबीआई ने सट्टेबाजी की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए शुद्ध चांदी (बुलियन) जैसे प्राथमिक चांदी पर ऋण देने की अनुमति नहीं दी है।


⚖️ गोल्ड लोन से भिन्न हो सकते हैं नियम

विशेषज्ञों के अनुसार, चांदी के बदले ऋण लेने की प्रक्रिया गोल्ड लोन से कुछ मायनों में भिन्न हो सकती है।

  • मूल्य और दरें: चांदी की कीमतें सोने की तुलना में अधिक अस्थिर (volatile) और कम तरल (less liquid) होती हैं। इस कारण, ऋणदाता जोखिम को प्रबंधित करने के लिए लोन-टू-वैल्यू (LTV) अनुपात कम रख सकते हैं और ब्याज दरें थोड़ी अधिक हो सकती हैं।
    • आमतौर पर, ₹2.5 लाख तक के लोन पर LTV 85% तक, ₹5 लाख तक के लोन पर 80% तक और ₹5 लाख से ऊपर के लोन पर 75% तक हो सकता है।
  • गिरवी रखने की सीमा: नए नियमों के तहत, एक ग्राहक अधिकतम 10 किलोग्राम चांदी के गहने और 500 ग्राम तक चांदी के सिक्के ही गिरवी रख सकता है।

विशेषज्ञों ने उधारकर्ताओं को सलाह दी है कि वे लोन लेने से पहले कई कारकों पर ध्यान दें। इसमें चांदी की शुद्धता का मूल्यांकन, भंडारण और बीमा लागत, पुनर्भुगतान अनुसूची और ऋण ज़ब्ती (foreclosure) की शर्तें शामिल हैं। केवल ऋण राशि के अलावा, दैनिक मूल्य उतार-चढ़ाव, ऋणदाता की विश्वसनीयता और उधार लेने की कुल लागत को भी ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है।

इस फैसले से उन लाखों परिवारों को सीधे वित्तीय लाभ मिलने की उम्मीद है, जो अपने घर में मौजूद चांदी की संपत्ति का उपयोग करके औपचारिक और विनियमित तरीके से क्रेडिट प्राप्त करना चाहते हैं।


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By MFNews

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