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मुंबई: भारत के म्यूचुअल फंड उद्योग में निवेशकों को विविध और स्मार्ट निवेश विकल्प देने की दिशा में एक और अहम कदम उठाते हुए, मिराए एसेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स (इंडिया) ने पैसिव निवेश श्रेणी में दो नए और अनोखे फंड ऑफ फंड्स (FoFs) लॉन्च किए हैं। ये स्कीम्स हैं — मिराए एसेट मल्टी फैक्टर पैसिव FoF और मिराए एसेट गोल्ड सिल्वर पैसिव FoF।
इन दोनों योजनाओं का उद्देश्य निवेशकों को एक ही उत्पाद के माध्यम से विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों में निवेश का अवसर प्रदान करना है, ताकि वे बाजार के उतार-चढ़ाव का सामना करते हुए भी दीर्घकालिक संपत्ति निर्माण कर सकें।
निवेश की तारीखें और शर्तें
दोनों स्कीम्स के लिए न्यू फंड ऑफर (NFO) 11 अगस्त 2025 से शुरू होगा और 25 अगस्त 2025 को बंद होगा। इसके बाद 1 सितंबर 2025 से यह नियमित निवेश और रिडेम्पशन के लिए खुले रहेंगे।
निवेशक न्यूनतम ₹5,000 की एकमुश्त राशि से निवेश शुरू कर सकते हैं, जबकि सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) मात्र ₹99 प्रति माह से शुरू किया जा सकता है।
मिराए एसेट मल्टी फैक्टर पैसिव FoF
यह फंड मुख्य रूप से घरेलू इक्विटी ETFs में निवेश करेगा, जो स्मार्ट बीटा रणनीतियों पर आधारित होंगे। इसमें पांच प्रमुख निवेश फैक्टर शामिल हैं — मोमेंटम, लो वॉलेटिलिटी, इक्वल वेट, क्वालिटी और वैल्यू।
इन फैक्टर्स का मिश्रण निवेशकों को जोखिम और रिटर्न के बीच एक संतुलन प्रदान करता है। पारंपरिक इंडेक्स निवेश की तुलना में यह रणनीति विभिन्न बाजार परिस्थितियों में बेहतर प्रदर्शन की संभावना देती है, क्योंकि यह किसी एक फैक्टर पर निर्भर नहीं रहती।
मिराए एसेट के हेड – ETF प्रोडक्ट एवं फंड मैनेजर, सिद्धार्थ श्रीवास्तव के अनुसार:
“हर फैक्टर का अपना चक्र होता है। केवल एक फैक्टर पर निर्भर रहना जोखिम बढ़ा सकता है और लंबे समय में अंडरपरफॉर्मेंस का कारण बन सकता है। मल्टी-फैक्टर निवेश एक बैलेंस्ड अप्रोच है, जो निवेशकों को उतार-चढ़ाव के दौरान भी निवेश में बने रहने में मदद करता है।”
मिराए एसेट गोल्ड सिल्वर पैसिव FoF
दूसरा नया उत्पाद निवेशकों को सोना और चांदी दोनों में एक्सपोजर प्रदान करता है। यह फंड मिराए एसेट के गोल्ड ETF और सिल्वर ETF में निवेश करेगा और बाजार के रुझान और प्रदर्शन के आधार पर दोनों के बीच डायनामिक आवंटन करेगा।
सोना पारंपरिक रूप से एक सुरक्षित निवेश माना जाता है, जो आर्थिक अस्थिरता और बाजार में गिरावट के समय पोर्टफोलियो को स्थिरता देता है। वहीं, चांदी का औद्योगिक उपयोग और चक्रीय मांग इसे उच्च वृद्धि की संभावना वाला एसेट बनाता है।
श्रीवास्तव ने बताया:
“सोना और चांदी का मिश्रण निवेशकों को एक दोहरा लाभ देता है — सोना एक डिफेंसिव एसेट के रूप में स्थिरता प्रदान करता है, जबकि चांदी संभावित उच्च रिटर्न का अवसर देती है। इस संयोजन से निवेशक अपने पोर्टफोलियो में स्थिरता और अवसर दोनों प्राप्त कर सकते हैं।”
टैक्स एफिशिएंसी और निवेशकों के फायदे
दोनों FoFs का एक बड़ा फायदा यह है कि फंड के अंदर एसेट अलोकेशन में बदलाव करने पर निवेशकों को कैपिटल गेन टैक्स नहीं देना पड़ेगा। अगर कोई निवेशक सीधे गोल्ड और सिल्वर ETFs या विभिन्न स्मार्ट बीटा ETFs में निवेश करता है और बाद में स्विच करता है, तो यह टैक्स इवेंट ट्रिगर करता है। लेकिन FoF संरचना में यह समस्या नहीं होती, जिससे निवेश टैक्स-एफिशिएंट हो जाता है।
इसके अलावा, FoF निवेशकों को एक ही स्कीम के जरिए विविध एक्सपोजर देता है, जिससे उन्हें अलग-अलग ETFs चुनने, मॉनिटर करने और री-बैलेंस करने की चिंता नहीं करनी पड़ती।
फंड प्रबंधन
दोनों स्कीम्स का प्रबंधन मिराए एसेट के अनुभवी फंड मैनेजर रितेश पटेल करेंगे, जिनके पास इक्विटी और मल्टी-एसेट पोर्टफोलियो मैनेजमेंट का व्यापक अनुभव है।
किसके लिए उपयुक्त?
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मल्टी फैक्टर पैसिव FoF उन निवेशकों के लिए उपयुक्त है जो इक्विटी में निवेश करना चाहते हैं, लेकिन वॉलेटिलिटी कम करना और स्थिर रिटर्न पाना चाहते हैं।
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गोल्ड सिल्वर पैसिव FoF उन निवेशकों के लिए सही है जो अपने पोर्टफोलियो में प्रेशियस मेटल्स का मिश्रण चाहते हैं और मुद्रास्फीति, भू-राजनीतिक तनाव या बाजार में गिरावट के खिलाफ सुरक्षा चाहते हैं।
निष्कर्ष
मिराए एसेट के ये दोनों नए उत्पाद निवेशकों को डायनामिक एसेट अलोकेशन, विविध निवेश विकल्प और टैक्स-एफिशिएंट स्ट्रक्चर का लाभ देते हैं। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि भारतीय निवेशक इन नवाचारपूर्ण पैसिव फंड ऑफ फंड्स को किस तरह अपनाते हैं।
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