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नई दिल्ली : हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण से पता चला है कि जीवन बीमा (Life Insurance) भारत में सबसे अधिक पहचाना जाने वाला और प्राथमिकता वाला वित्तीय उत्पाद बनकर उभरा है। सर्वे में शामिल अधिकांश लोगों ने कहा कि उन्होंने जीवन बीमा अपने परिवार की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए खरीदा है, जो यह दर्शाता है कि आर्थिक अनिश्चितताओं और बढ़ते जोखिमों के बीच लोग अब वित्तीय योजना के प्रति अधिक जागरूक हो रहे हैं।
🔍 सर्वेक्षण की प्रमुख बातें
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70% से अधिक प्रतिभागियों ने कहा कि उनके पास कम से कम एक जीवन बीमा पॉलिसी है।
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प्रतिभागियों ने जीवन बीमा को सबसे आवश्यक वित्तीय साधन माना, उसके बाद हेल्थ इंश्योरेंस, फिक्स्ड डिपॉजिट और म्यूचुअल फंड्स का स्थान रहा।
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सर्वे में शामिल अधिकतर लोगों ने कहा कि उन्होंने बीमा इसलिए लिया क्योंकि वे चाहते हैं कि उनकी मौजूदगी न रहने पर भी परिवार सुरक्षित रहे।
यह सर्वे विभिन्न आयु वर्ग, आय वर्ग और क्षेत्रों के लोगों से बातचीत कर तैयार किया गया है, जिससे पता चलता है कि शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में जीवन बीमा को लेकर जागरूकता बढ़ी है।
🏡 बीमा का मुख्य उद्देश्य: परिवार की सुरक्षा
सर्वे के अनुसार, जीवन बीमा का सबसे बड़ा कारण है — परिवार की आर्थिक स्थिरता बनाए रखना।
यदि घर के कमाने वाले व्यक्ति के साथ कोई अनहोनी हो जाती है, तो परिवार को न सिर्फ भावनात्मक आघात झेलना पड़ता है, बल्कि आय का स्रोत भी खत्म हो जाता है। ऐसे में बीमा की राशि एक सुरक्षा कवच के रूप में काम करती है।
टर्म प्लान, जो कम प्रीमियम पर उच्च कवरेज देता है, तेजी से लोकप्रिय हुआ है। वहीं, यूलिप्स (ULIPs) और एंडोमेंट प्लान्स जैसे पॉलिसियां भी निवेश और सुरक्षा दोनों का लाभ देती हैं।
📈 कोरोना के बाद बीमा की मांग में तेजी
विशेषज्ञ मानते हैं कि कोविड-19 महामारी ने बीमा के महत्व को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाया। महामारी के दौरान अचानक स्वास्थ्य संकट, मृत्यु दर में बढ़ोतरी और नौकरी छूटने जैसी समस्याओं ने लोगों को बीमा लेने के लिए प्रेरित किया।
बीमा कंपनियों के अनुसार, 2020 से 2024 के बीच जीवन बीमा पॉलिसी की बिक्री में लगभग 35% की वृद्धि दर्ज की गई। खासतौर पर 25–40 वर्ष की आयु के युवा अब टर्म इंश्योरेंस जैसे प्रोडक्ट्स को प्राथमिकता दे रहे हैं।
🧠 वित्तीय साक्षरता का बढ़ता प्रभाव
आज लोग सिर्फ निवेश करने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे यह भी समझने लगे हैं कि बीमा एक बुनियादी आवश्यकता है — खासकर तब, जब परिवार पर उनकी आर्थिक निर्भरता अधिक हो।
वित्तीय योजनाकारों का कहना है कि पहले लोग बीमा को सिर्फ टैक्स बचाने का माध्यम मानते थे, लेकिन अब वे इसे दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा योजना के रूप में देख रहे हैं।
🧾 बीमा चयन में क्या रखें ध्यान
सर्वे ने यह भी दिखाया कि अभी भी बड़ी संख्या में लोग सिर्फ एजेंट की सलाह या ब्रांड के नाम पर बीमा खरीदते हैं। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि:
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बीमा लेते समय कवरेज राशि (Sum Assured) पर्याप्त होनी चाहिए — आमतौर पर आपकी सालाना आय का 10–15 गुना।
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केवल प्रीमियम कम होने के आधार पर पॉलिसी न चुनें, बल्कि उसकी शर्तों, दावों के निपटान का रिकॉर्ड (Claim Settlement Ratio) और कंपनी की साख को भी देखें।
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ऑनलाइन बीमा पॉलिसी न सिर्फ सस्ती होती हैं, बल्कि पारदर्शिता भी ज्यादा होती है।
🌐 बीमा क्षेत्र में डिजिटलीकरण
बीमा कंपनियों ने अब डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए पॉलिसी खरीदने, नवीनीकरण, दावे दाखिल करने जैसी सेवाएं आसान बना दी हैं। इससे बीमा की पहुंच ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों तक भी हो रही है।
इंश्योरटेक कंपनियों और ऑनलाइन एग्रीगेटर्स ने भी इस दिशा में बड़ा बदलाव लाया है।
📢 निष्कर्ष
जीवन बीमा अब सिर्फ एक विकल्प नहीं, बल्कि एक अनिवार्य वित्तीय सुरक्षा उपकरण बन चुका है। भारत की बढ़ती जनसंख्या, अनिश्चितताओं और जीवनशैली के जोखिमों के चलते बीमा की उपयोगिता लगातार बढ़ रही है।
इस सर्वे से साफ है कि लोग अब सिर्फ वर्तमान नहीं, भविष्य की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर हैं।
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