#IPPB #FaceAuthentication #DigitalIndia #FinancialInclusion #InclusiveBanking #AapkaBankAapkeDwaar #AadhaarBanking #SecureTransactions #TechForGood #DigitalTransformation #भारतीयडाकबैंक
नई दिल्ली: इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) ने एक और महत्वपूर्ण पहल करते हुए देशभर में आधार-आधारित फेस ऑथेंटिकेशन सुविधा की शुरुआत की है। इस नवाचार का उद्देश्य उन करोड़ों भारतीय नागरिकों के लिए बैंकिंग को अधिक सहज, सुरक्षित और समावेशी बनाना है, जो पारंपरिक बायोमेट्रिक या ओटीपी आधारित तरीकों से बैंकिंग सेवाएं लेने में असहजता महसूस करते हैं — खासकर बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए यह सुविधा एक वरदान बनकर सामने आई है।
यह नई तकनीक भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) के फ्रेमवर्क के अंतर्गत विकसित की गई है। इसके जरिए ग्राहक अब अपने चेहरे की पहचान के माध्यम से बैंकिंग लेनदेन कर सकते हैं, जिसमें फिंगरप्रिंट या ओटीपी की आवश्यकता नहीं होती। इससे IPPB के “आपका बैंक, आपके द्वार” के मिशन को और मजबूती मिलती है, जो बैंकिंग को आमजन के लिए सुलभ, सम्मानजनक और मानव-केंद्रित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
क्या है फेस ऑथेंटिकेशन?
फेस ऑथेंटिकेशन एक डिजिटल सत्यापन प्रणाली है जिसमें ग्राहक का चेहरा ही उनकी पहचान का आधार बनता है। स्मार्टफोन कैमरे के माध्यम से ग्राहक का चेहरा स्कैन करके उसे UIDAI डेटाबेस से मिलाया जाता है और सफल मिलान के बाद लेनदेन को मंजूरी दी जाती है।
इस सुविधा के मुख्य लाभ:
-
समावेशी बैंकिंग: बुजुर्गों, दिव्यांग व्यक्तियों और उन लोगों के लिए जो फिंगरप्रिंट आधारित प्रणाली में समस्याएं झेलते थे, यह एक सरल और सम्मानजनक विकल्प है।
-
सुरक्षा में बढ़ोतरी: ओटीपी या फिंगरप्रिंट की निर्भरता समाप्त होने से संभावित धोखाधड़ी के जोखिम भी कम होंगे।
-
तेज और संपर्करहित लेनदेन: स्वास्थ्य आपातकाल के समय जब फिजिकल टच जोखिम भरा हो सकता है, तब यह सुविधा अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी।
-
सभी प्रमुख बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध: खाता खोलने से लेकर बैलेंस जानकारी, धन ट्रांसफर और बिल भुगतान तक सभी सेवाएं इस नई प्रणाली के तहत की जा सकती हैं।
IPPB की सोच और दृष्टिकोण
IPPB के प्रबंध निदेशक और सीईओ श्री आर. विश्वेस्वरन ने इस पहल पर कहा, “हम मानते हैं कि बैंकिंग सिर्फ सुलभ ही नहीं, बल्कि गरिमापूर्ण भी होनी चाहिए। आधार-आधारित फेस ऑथेंटिकेशन के माध्यम से हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोई भी ग्राहक बायोमेट्रिक या ओटीपी समस्याओं के कारण बैंकिंग से वंचित न रहे। यह सिर्फ एक तकनीकी सुविधा नहीं है, बल्कि वित्तीय समावेशन को एक नई परिभाषा देने की दिशा में एक सार्थक कदम है।”
डिजिटल इंडिया और वित्तीय समावेशन के साथ तालमेल
यह सुविधा सरकार के डिजिटल इंडिया और वित्तीय समावेशन जैसे अभियानों के अनुरूप है। यह दिखाता है कि तकनीक का सही उपयोग कैसे न केवल सुविधा बढ़ा सकता है, बल्कि समानता, पहुँच और सशक्तिकरण जैसे मूल्यों को भी मजबूती दे सकता है।
इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के बारे में
IPPB की स्थापना 1 सितंबर 2018 को डाक विभाग, संचार मंत्रालय के तहत 100% सरकारी स्वामित्व में की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में रह रहे उन लोगों तक बैंकिंग सेवाएं पहुँचाना है, जो अब तक पारंपरिक बैंकिंग व्यवस्था से बाहर थे।
देशभर के लगभग 1.65 लाख डाकघरों और 3 लाख डाककर्मियों की नेटवर्क के साथ IPPB ने 13 भाषाओं में बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराकर 11 करोड़ से अधिक ग्राहकों को सेवा दी है। इसका संचालन मॉडल ‘इंडिया स्टैक’ पर आधारित है, जो पेपरलेस, कैशलेस और उपस्थिति रहित बैंकिंग को साकार करता है।
निष्कर्ष
आधार-आधारित फेस ऑथेंटिकेशन सुविधा का शुभारंभ न केवल तकनीकी दृष्टि से एक प्रगति है, बल्कि यह एक सामाजिक बदलाव की भी शुरुआत है — जिसमें प्रत्येक नागरिक को सम्मान, सुविधा और सुरक्षा के साथ बैंकिंग सेवाओं तक पहुँच मिल सके। IPPB की यह पहल देश को वित्तीय रूप से अधिक समावेशी और डिजिटल रूप से सक्षम बनाने की दिशा में एक प्रेरणादायक उदाहरण है।
#IPPB #FaceAuthentication #DigitalIndia #FinancialInclusion #InclusiveBanking #AapkaBankAapkeDwaar #AadhaarBanking #SecureTransactions #TechForGood #DigitalTransformation #भारतीयडाकबैंक #डिजिटलसशक्तिकरण #सुरक्षितबैंकिंग
