फ्रैंकलिन इंडिया बैलेंस्ड एडवांटेज फंड ने किया कमाल, 10,000 रुपये मासिक SIP को 3 साल में बनाया ₹4.27 लाख

Franklin India Balanced Advantage Fund Turns ₹10,000 Monthly SIP into ₹4.27 Lakh in Just 3 Years

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मुंबई — म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए अच्छी खबर है। फ्रैंकलिन इंडिया बैलेंस्ड एडवांटेज फंड, जो एक डायनेमिक एसेट एलोकेशन स्कीम है, ने लॉन्च के तीन साल पूरे कर लिए हैं और इस अवधि में निवेशकों को शानदार रिटर्न दिए हैं।

फंड हाउस के आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर 2022 से हर महीने ₹10,000 का एसआईपी (SIP) करने वाले निवेशक का निवेश आज (अगस्त 2025 तक) ₹4.27 लाख हो चुका है। यानी कुल ₹3.6 लाख के योगदान पर करीब ₹67,000 का लाभ।

इसी अवधि में अगर कोई निवेशक ₹1 लाख की एकमुश्त (लंपसम) राशि लगाता, तो उसका मूल्य बढ़कर ₹1.42 लाख होता।


एसेट एलोकेशन से मिली बढ़त

यह फंड डायनेमिक एसेट एलोकेशन स्ट्रैटेजी अपनाता है, यानी बाजार की स्थिति और वैल्यूएशन के आधार पर इक्विटी और डेट में निवेश का अनुपात बदलता है।

  • इक्विटी में निवेश: फंड फ्लेक्सी-कैप अप्रोच अपनाता है और लार्ज कैप, मिड कैप व स्मॉल कैप कंपनियों में निवेश करता है।

  • डेट में निवेश: बॉन्ड्स और अन्य फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश से स्थिरता आती है।

  • रीबैलेंसिंग: बाजार महंगा लगने पर इक्विटी एक्सपोज़र घटाया जाता है और मंदी में बढ़ाया जाता है।

29 अगस्त 2025 तक, फंड ने 12.54% का कंपाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) दिया है। यह इसके बेंचमार्क NIFTY 50 Hybrid Composite Debt 50:50 Index (10.19% CAGR) से बेहतर है।


तीन साल में AUM ₹2,700 करोड़ के पार

लॉन्च के केवल तीन साल में ही इस फंड का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) ₹2,700 करोड़ से अधिक हो गया है। उद्योग विशेषज्ञ मानते हैं कि यह निवेशकों का भरोसा और लगातार अच्छा प्रदर्शन दिखाता है।


क्यों आकर्षित कर रहे हैं बैलेंस्ड एडवांटेज फंड?

  1. मार्केट टाइमिंग की जरूरत नहीं: निवेशक को यह तय नहीं करना पड़ता कि कितना इक्विटी और कितना डेट में लगाना है।

  2. कम जोखिम के साथ ग्रोथ: शुद्ध इक्विटी फंड से कम उतार-चढ़ाव और शुद्ध डेट फंड से बेहतर रिटर्न का संतुलन।

  3. टैक्स में लाभ: इन्हें इक्विटी फंड माना जाता है, इसलिए एक साल बाद मिलने वाला लाभ लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स के दायरे में आता है।


SIP और कंपाउंडिंग का जादू

इस फंड में SIP करने वालों ने कंपाउंडिंग का फायदा बखूबी देखा।

  • कुल ₹3.6 लाख का SIP निवेश तीन साल में ₹4.27 लाख बना।

  • रुपया कॉस्ट एवरेजिंग की वजह से निवेशकों ने उतार-चढ़ाव में भी बेहतर रिटर्न पाए।

  • लंबे समय में (7 से 10 साल) यह प्रभाव और भी ज्यादा बढ़ सकता है।

हालांकि, एक्सपर्ट्स चेतावनी देते हैं कि SIP को शॉर्ट टर्म के नजरिए से न देखें। बीच में रोकना या पैसे निकाल लेना कंपाउंडिंग का असर कम कर सकता है।


उद्योग की राय

वेल्थ एडवाइज़र्स का कहना है कि बैलेंस्ड एडवांटेज फंड्स उन निवेशकों के लिए खासतौर पर अच्छे हैं, जो पहली बार इक्विटी में कदम रख रहे हैं या ज्यादा जोखिम नहीं लेना चाहते।

“फ्रैंकलिन इंडिया बैलेंस्ड एडवांटेज फंड ने पिछले तीन साल में साबित कर दिया है कि सही रणनीति के साथ निवेशकों को स्थिर और बेहतर रिटर्न मिल सकते हैं। ऐसे फंड्स का मकसद निवेश यात्रा को स्मूद बनाना है,” एक विशेषज्ञ ने कहा।


निवेशकों के लिए संदेश

  • जल्दी शुरू करें और लगातार निवेश करें: छोटी-छोटी रकम भी समय के साथ बड़ा धन बना सकती है।

  • विविधता रखें: सिर्फ एक फंड में न रुकें, बल्कि इक्विटी, डेट और हाइब्रिड फंड्स का संतुलन बनाएं।

  • समय-समय पर समीक्षा करें: निवेश की दिशा और लक्ष्य का मिलान करना जरूरी है।

  • धैर्य रखें: बाजार के उतार-चढ़ाव में घबराकर निवेश बंद न करें।


निष्कर्ष

फ्रैंकलिन इंडिया बैलेंस्ड एडवांटेज फंड ने सिर्फ तीन साल में निवेशकों को भरोसेमंद रिटर्न दिए हैं। ₹10,000 मासिक SIP को ₹4.27 लाख बनाकर इसने दिखा दिया है कि अनुशासित निवेश और कंपाउंडिंग कितने शक्तिशाली हो सकते हैं।

कम जोखिम के साथ स्थिर ग्रोथ चाहने वाले निवेशकों के लिए यह फंड एक आकर्षक विकल्प बनकर उभरा है।


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By MFNews