पिछले 20 साल में इक्विटी निवेशकों की संपत्ति 15 गुना बढ़ी – फंड्सइंडिया FundsIndia रिपोर्ट

Sensex and Nifty closed at their highest levels since July on the strength of IT and pharma stocks.

लंबी अवधि का निवेश बना अमीर बनने का सबसे बड़ा मंत्र

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मुंबई:

अगर आपने 20 साल पहले शेयर बाजार में निवेश किया था और धैर्य बनाए रखा, तो आज आपकी संपत्ति 15 गुना तक बढ़ चुकी होतीFundsIndia की ताज़ा रिपोर्ट में यह चौंकाने वाला लेकिन प्रेरक खुलासा किया गया है। रिपोर्ट कहती है कि लंबी अवधि में इक्विटी निवेश सबसे बेहतर प्रदर्शन करता है और निवेशकों को पारंपरिक साधनों जैसे FD या सोना से कहीं ज्यादा रिटर्न देता है।


रिपोर्ट की बड़ी बातें (Highlights):

20 वर्षों में इक्विटी ने 15X रिटर्न दिया
SIP से Disciplined निवेश करने वालों को सबसे ज्यादा फायदा।
FD और गोल्ड से इक्विटी का प्रदर्शन कई गुना बेहतर
म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में SIP योगदान ₹20,000 करोड़/माह तक पहुँचा
भविष्य में भी लंबी अवधि और एसेट एलोकेशन ही सफलता की कुंजी


इतिहास से सबक: इक्विटी क्यों सबसे आगे?

पिछले दो दशकों में भारतीय इक्विटी मार्केट ने कई उतार-चढ़ाव देखे – 2008 का ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस, 2020 की महामारी – लेकिन जिन्होंने धैर्य रखा और नियमित निवेश जारी रखा, उन्होंने संपत्ति में विस्फोटक वृद्धि देखी।

FundsIndia की रिपोर्ट के अनुसार:

  • Sensex आधारित निवेश ने पिछले 20 साल में औसतन 11-12% CAGR दिया।

  • ₹10 लाख का निवेश आज ₹1.5 करोड़ से ज्यादा हो सकता था।


डेटा से समझिए अंतर

निवेश साधन 20 साल में अनुमानित ग्रोथ
इक्विटी (Sensex) ~15 गुना
गोल्ड ~6-7 गुना
बैंक FD ~3-4 गुना

(स्रोत: FundsIndia रिसर्च)


म्यूचुअल फंड्स की बढ़ती लोकप्रियता

पिछले एक दशक में SIP ने भारतीय निवेशकों को बाजार की वोलैटिलिटी से सुरक्षित रखने में अहम भूमिका निभाई।

  • 2014 में मासिक SIP योगदान ₹3,000 करोड़ था,

  • आज यह बढ़कर ₹20,000 करोड़/माह से ज्यादा हो चुका है।


FundsIndia की निवेश रणनीति

रिपोर्ट में निवेशकों के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं:

SIP को प्राथमिकता दें:
मार्केट टाइमिंग की बजाय हर महीने नियमित निवेश करें।

एसेट एलोकेशन बनाए रखें:
इक्विटी के साथ डेट और गोल्ड में संतुलन रखें।

लक्ष्य आधारित निवेश करें:
रिटायरमेंट, बच्चों की शिक्षा, घर खरीदने जैसे उद्देश्यों के लिए अलग पोर्टफोलियो बनाएं।

रीबैलेंसिंग करें:
सालाना पोर्टफोलियो समीक्षा जरूरी।

वोलैटिलिटी में टॉप-अप करें:
मार्केट गिरावट को अतिरिक्त निवेश का अवसर समझें।


क्यों इक्विटी निवेश बना विजेता?

  1. भारत की तेज़ आर्थिक वृद्धि – GDP और कॉर्पोरेट प्रॉफिट में लगातार सुधार।

  2. कंपाउंडिंग का जादू – छोटे निवेश समय के साथ बड़ी संपत्ति बनाते हैं।

  3. वोलैटिलिटी से डरने की बजाय अनुशासन बनाए रखना


कौन क्या करें?

पहली बार निवेशक:

  • ₹500 से SIP शुरू करें।

  • Large Cap या Index Fund चुनें।

अनुभवी निवेशक:

  • Equity में 60-70% Allocation।

  • Multi-cap और Hybrid Funds पर ध्यान।

सेवानिवृत्ति के करीब:

  • Equity को घटाकर 30-40% तक करें।

  • Debt Funds और Fixed Income बढ़ाएं।


भविष्य का दृष्टिकोण

भारत की अर्थव्यवस्था अगले दशक में $5 ट्रिलियन की ओर बढ़ रही है। ऐसे में इक्विटी मार्केट आने वाले 15-20 सालों में भी लॉन्ग-टर्म वेल्थ क्रिएशन का मुख्य साधन रहेगा।


रिस्क अलर्ट

  • शॉर्ट-टर्म में इक्विटी अस्थिर हो सकता है।

  • Panic Selling से बचें।

  • SEBI रजिस्टर्ड फाइनेंशियल एडवाइजर से परामर्श लें।


निष्कर्ष

FundsIndia की रिपोर्ट का संदेश स्पष्ट है –
“निवेश का सबसे अच्छा समय था 20 साल पहले, दूसरा सबसे अच्छा समय है आज।”
लंबी अवधि का दृष्टिकोण, अनुशासित SIP और सही एसेट एलोकेशन से वित्तीय स्वतंत्रता पाई जा सकती है।


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By MFNews