डिजिटल एक्सेसिबिलिटी अनुपालन की समयसीमा बढ़ी, SEBI ने दिया रेगुलेटेड एंटिटीज़ को और समय

SEBI issued new rules: Now investors' records will be safe on surrender of KRA registration

#SEBI #डिजिटलएक्सेसिबिलिटी #वित्तीयसमावेशन #दिव्यांगजन #RightsOfPersonsWithDisabilities #FinancialInclusion #StockMarketIndia #AccessibilityMatters

नई दिल्ली: भारतीय पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने अपने अधीन आने वाली रेगुलेटेड एंटिटीज़ (REs) को डिजिटल एक्सेसिबिलिटी से संबंधित अनुपालन और रिपोर्टिंग आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अतिरिक्त समय प्रदान किया है। इस कदम से न केवल बाजार प्रतिभागियों को राहत मिलेगी, बल्कि वित्तीय सेवाओं को और अधिक समावेशी बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान होगा।


नई समयसीमाएँ और बदलाव

SEBI ने जुलाई 2025 में एक सर्कुलर जारी कर सभी रेगुलेटेड एंटिटीज़ को निर्देश दिया था कि वे अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को दिव्यांगजनों (Persons with Disabilities – PwDs) के लिए पूरी तरह सुलभ बनाएं। इसके लिए अनुपालन रिपोर्ट, कार्यवाही की जानकारी और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की सूची प्रस्तुत करना अनिवार्य किया गया था।

पहले इन सभी की अंतिम तिथि 30 अगस्त 2025 तय की गई थी, लेकिन अब SEBI ने बाजार प्रतिभागियों की मांग को देखते हुए समयसीमा को 30 सितंबर 2025 तक बढ़ा दिया है।

इसी तरह, International Association of Accessibility Professionals (IAAP) से प्रमाणित एक्सेसिबिलिटी प्रोफेशनल्स की नियुक्ति की अंतिम तिथि 14 सितंबर 2025 से बढ़ाकर 14 दिसंबर 2025 कर दी गई है।

डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के एक्सेसिबिलिटी ऑडिट की समयसीमा भी 31 अक्टूबर 2025 से बढ़ाकर अब 30 अप्रैल 2026 कर दी गई है।

इसके अतिरिक्त, ऑडिट रिपोर्ट के निष्कर्षों पर सुधारात्मक कार्रवाई और पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करने की नई समयसीमा 31 जुलाई 2026 तय की गई है।

वार्षिक एक्सेसिबिलिटी ऑडिट और SEBI को अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने की समयसीमा अब 30 अप्रैल 2026 से बढ़ाकर 30 अप्रैल 2027 कर दी गई है।


रिपोर्टिंग संरचना में बदलाव

SEBI ने अनुपालन रिपोर्टिंग की संरचना में भी परिवर्तन किया है। अब:

  • इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स और रिसर्च एनालिस्ट्स को क्रमशः BASL और SEBI को रिपोर्ट करने के बजाय सीधे BSE Ltd. को रिपोर्ट करना होगा।

  • स्टॉक ब्रोकर और डिपॉजिटरी प्रतिभागी अपनी-अपनी एक्सचेंज और डिपॉजिटरी को ही रिपोर्ट करते रहेंगे।

  • अन्य सभी मार्केट इन्फ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशंस (MIIs) और रेगुलेटेड एंटिटीज़ को सीधे SEBI को रिपोर्ट करना होगा।


सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पृष्ठभूमि

यह सर्कुलर 30 अप्रैल 2025 को आए सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद जारी किया गया, जिसमें डिजिटल एक्सेस को जीवन और स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार के अंतर्गत मान्यता दी गई थी। अदालत ने स्पष्ट किया था कि यदि वित्तीय सेवाओं और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स तक दिव्यांगजनों की पहुँच सुनिश्चित नहीं होती, तो यह समानता और अधिकारों का उल्लंघन होगा।

इसी परिप्रेक्ष्य में SEBI ने सभी अधीनस्थ संस्थाओं—जैसे कि स्टॉक एक्सचेंज, क्लीयरिंग कॉरपोरेशन, डिपॉजिटरी, ब्रोकर, म्यूचुअल फंड्स और KYC एजेंसियों—को निर्देश दिया था कि वे Rights of Persons with Disabilities (RPwD) Act, 2016 और उससे संबंधित नियमों का पालन करें।


उद्योग और निवेशकों पर प्रभाव

इस फैसले से बाजार प्रतिभागियों को तत्काल अनुपालन दबाव से राहत मिलेगी और उन्हें तकनीकी व ढाँचागत बदलावों को लागू करने के लिए अधिक समय मिलेगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम निवेशकों के लिए अधिक सुगम और समावेशी वित्तीय वातावरण तैयार करेगा। दिव्यांग निवेशक अब धीरे-धीरे उन सभी डिजिटल सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे, जो पहले पहुँच से बाहर थीं।

इसके साथ ही, बाजार संस्थाओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके वेबसाइट, मोबाइल ऐप्स और अन्य प्लेटफॉर्म्स न केवल तकनीकी दृष्टि से सुरक्षित हों, बल्कि सभी वर्गों के निवेशकों के लिए सुलभ और उपयोगकर्ता-अनुकूल भी हों।


आगे का रास्ता

विश्लेषकों का मानना है कि SEBI का यह कदम दूरगामी दृष्टिकोण वाला है। डिजिटल एक्सेसिबिलिटी को वित्तीय सेवाओं का अनिवार्य हिस्सा बनाकर, भारत ने वैश्विक मानकों की दिशा में एक मजबूत कदम उठाया है।

हालांकि, कंपनियों को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि वे तय की गई नई समयसीमाओं का पालन करें। यदि समय पर अनुपालन नहीं होता है तो SEBI सख्त दंडात्मक कार्रवाई भी कर सकता है।


निष्कर्ष

SEBI द्वारा समयसीमा बढ़ाए जाने से वित्तीय संस्थानों को तकनीकी तैयारियों में मदद मिलेगी, जबकि दिव्यांग निवेशकों के लिए यह निर्णय समान अवसर और समावेशिता की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।

डिजिटल वित्तीय सेवाओं में एक्सेसिबिलिटी अब केवल सुविधा का विषय नहीं, बल्कि अधिकार और जिम्मेदारी दोनों है।


हैशटैग्स

#SEBI #डिजिटलएक्सेसिबिलिटी #वित्तीयसमावेशन #दिव्यांगजन #RightsOfPersonsWithDisabilities #FinancialInclusion #StockMarketIndia #AccessibilityMatters

By MFNews