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नई दिल्ली: केन्द्रीय कर्मचारियों के लिए पेंशन व्यवस्था में बड़ा बदलाव करते हुए कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के अधीन पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DoPPW) ने आज सेंट्रल सिविल सर्विसेज (यूनिफाइड पेंशन स्कीम के कार्यान्वयन) नियम, 2025 को अधिसूचित कर दिया। ये नियम राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के अंतर्गत उन कर्मचारियों को लाभ देंगे, जिन्होंने जनवरी 2025 में अधिसूचित की गई यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को चुना है।
अब DoPPW द्वारा जारी CCS (Implementation of UPS under NPS) Rules, 2025 कर्मचारियों के सेवा संबंधी मुद्दों और पेंशन लाभों के लिए कानूनी ढांचा प्रदान करेंगे।
भारत में जनवरी 2004 से पूर्व नियुक्त केंद्रीय कर्मचारियों के लिए Old Pension Scheme (OPS) लागू थी, जिसमें आजीवन निश्चित पेंशन की गारंटी रहती थी। लेकिन जनवरी 2004 के बाद नियुक्त कर्मचारियों को NPS के तहत जोड़ा गया, जो बाज़ार आधारित निवेश प्रणाली पर चलता है और जिसका पेंशन लाभ निश्चित नहीं होता।
लगातार बढ़ती मांग, कर्मचारी संगठनों का दबाव और वित्तीय समावेशन की आवश्यकता को देखते हुए केंद्र सरकार ने 24 अगस्त 2024 को UPS लाने का निर्णय लिया। UPS का उद्देश्य OPS की सुरक्षा और NPS की लचीलापन व आधुनिक संरचना — दोनों का मिश्रण बनाना है।
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24 जनवरी 2025 को वित्तीय सेवा विभाग (DFS) ने UPS को NPS के अंतर्गत एक वैकल्पिक विकल्प के रूप में अधिसूचित किया।
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1 अप्रैल 2025 से UPS को औपचारिक रूप से लागू किया गया।
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19 मार्च 2025 को पेंशन नियामक प्राधिकरण (PFRDA) ने UPS संचालन संबंधी नियम (Operational Regulations) जारी किए।
अब, सरकार ने Central Civil Services Rules, 2025 के रूप में एक कानूनी और प्रशासनिक ढांचा तैयार कर दिया है।
🔹 नियमों के मुख्य बिंदु
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नामांकन (Enrolment under UPS):
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जो कर्मचारी पहले से NPS से जुड़े हुए हैं, वे UPS को चुनकर इसमें शामिल हो सकते हैं।
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इसके लिए उन्हें निर्धारित समय-सीमा में आवेदन करना होगा।
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स्विच सुविधा (Switch Facility):
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कर्मचारी UPS से वापस NPS पर स्विच कर सकते हैं।
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यह स्विच सेवानिवृत्ति से 1 वर्ष पहले या VRS से 3 माह पहले तक की अनुमति होगी।
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अंशदान और योगदान (Contributions):
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UPS में कर्मचारी और सरकार दोनों की ओर से योगदान होगा।
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कर्मचारी के खाते में अंशदान दर्ज होने में देरी होने पर सरकार से मुआवज़ा (Compensation) मिलेगा।
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मृत्यु या विकलांगता (Death/Disability Clause):
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यदि सेवा के दौरान कर्मचारी की मृत्यु या विकलांगता होती है, तो परिवार को CCS (Pension) Rules, 1972 के तहत लाभ चुनने का अधिकार होगा या UPS के तहत मिलने वाले फायदे ले सकते हैं।
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सेवानिवृत्ति पर लाभ (Benefits at Retirement):
UPS के तहत पेंशन इन परिस्थितियों में देय होगी:-
नियमित सेवानिवृत्ति पर (Superannuation)
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समयपूर्व सेवानिवृत्ति पर (Premature Retirement)
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स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (Voluntary Retirement/VRS)
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PSU/Autonomous Bodies में absorption के बाद
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चिकित्सीय कारणों से सेवा छोड़ने पर (Invalidation)
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इस्तीफ़ा देने की स्थिति में
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अनिवार्य सेवानिवृत्ति अथवा दंडात्मक प्रभाव:
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यदि कोई कर्मचारी अनिवार्य सेवानिवृत्त या सेवा से बर्खास्त/हटाया जाता है, तो UPS लाभ प्रभावित होंगे।
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विभागीय/न्यायिक कार्यवाही:
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सेवानिवृत्ति के समय यदि कोई विभागीय या न्यायिक कार्यवाही लंबित है, तो UPS के लाभों पर उसका प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ेगा।
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🔹 UPS क्यों महत्वपूर्ण है?
UPS व्यवस्था का उद्देश्य है:
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कर्मचारियों को स्पष्टता (clear options) और लचीलापन (flexibility) देना।
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पेंशन भुगतान में समयबद्धता सुनिश्चित करना।
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कर्मचारियों के परिवार को डेथ/डिसएबिलिटी क्लॉज के तहत गारंटीड लाभ देना।
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OPS जैसी “गारंटी” और NPS जैसी “कस्टमाइज़्ड सेविंग्स” को संतुलित करना।
🔹 विशेषज्ञों की राय
वित्तीय विशेषज्ञ मानते हैं कि UPS कई मायनों में “हाइब्रिड पेंशन मॉडल” है।
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OPS में सरकार का बोझ बहुत अधिक था, और यह फ़िस्कल स्थिरता के लिए चुनौतीपूर्ण माना जाता है।
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NPS पूरी तरह से मार्केट-लिंक्ड था, जिससे कर्मचारियों में असुरक्षा बढ़ी।
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UPS इन दोनों के बीच एक मध्य मार्ग प्रस्तुत करता है।
कार्मिक नीति विश्लेषक कहते हैं कि UPS पारदर्शी, विकल्प-आधारित और कर्मचारी-हितैषी है। वहीं आर्थिक विशेषज्ञ मानते हैं कि सरकार ने मुआवज़े की सुविधा और डेथ/डिसएबिलिटी विकल्प शामिल करके इसे “सुरक्षा आधारित” योजना बनाया है।
🔹 UPS बनाम NPS – मुख्य अंतर
| पहलू | NPS | UPS |
|---|---|---|
| प्रकार | पूर्णतः मार्केट-लिंक्ड | हाइब्रिड (गारंटी + मार्केट) |
| लाभ | निवेश रिटर्न पर आधारित | गारंटीड क्लॉज (डेथ/डिसएबिलिटी) |
| स्विच विकल्प | नहीं | है – UPS ↔ NPS |
| कर्मचारी भावना | अनिश्चितता | स्थिरता और लचीलापन |
🔹 निष्कर्ष
Central Civil Services (Implementation of UPS under NPS) Rules, 2025 का अधिसूचित होना, केंद्रीय कर्मचारियों के लिए न केवल एक प्रशासनिक सुधार है, बल्कि एक सामाजिक सुरक्षा सुधार भी है। इससे करीब 90 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को पेंशन लाभों में निश्चितता, जवाबदेही और विकल्प आधारित प्रणाली मिलेगी।
यह कदम सरकार की उस नीति को दर्शाता है जिसमें वित्तीय अनुशासन और कर्मचारी-हित दोनों का संतुलन साधा गया है। UPS अब केवल नीति दस्तावेज़ नहीं, बल्कि कर्मचारियों के भविष्य की गारंटी देने वाला व्यवहारिक और कानूनी ढांचा बन चुका है।
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