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नई दिल्ली: भारत सरकार की बीमा सखी- “महिला कैरियर एजेंट (एमसीए) योजना” ने देश में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत अब तक 2,05,896 महिलाओं का नामांकन हो चुका है। यह योजना महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता दिलाने, उन्हें उद्यमिता का अवसर देने और बीमा क्षेत्र में करियर बनाने का एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करती है।
यह योजना 9 दिसंबर 2024 को शुरू की गई थी, और इसकी शुरुआत के बाद से अब तक एलआईसी (भारतीय जीवन बीमा निगम) ने महिलाओं के लिए अनेक अवसरों और प्रोत्साहनों का मार्ग प्रशस्त किया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में एलआईसी ने बीमा सखियों को कुल 62.36 करोड़ रुपये वजीफे के रूप में प्रदान किए, जिससे वे अपने व्यवसाय को स्थापित कर सकें। चालू वित्त वर्ष 2025-26 में एलआईसी ने इस योजना के लिए 520 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है। 14 जुलाई 2025 तक 115.13 करोड़ रुपये का भुगतान बीमा सखियों को किया जा चुका है।
एलआईसी द्वारा महिला सशक्तिकरण की दिशा में पहल
बीमा सखी योजना का उद्देश्य महिलाओं को बीमा क्षेत्र में प्रशिक्षित कर उन्हें कैरियर एजेंट के रूप में स्थापित करना है। इसके तहत स्नातक महिलाएं, जो बीमा सखियों के रूप में कार्यरत हैं, 5 वर्ष की अवधि पूरी करने के बाद एलआईसी की प्रशिक्षु विकास अधिकारी (ADO) भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने की पात्रता प्राप्त करती हैं। यह अवसर महिलाओं के लिए करियर में ऊंचाईयों तक पहुंचने का मार्ग प्रशस्त करता है।
एलआईसी ने इस योजना के माध्यम से न केवल महिलाओं को रोजगार का अवसर दिया है, बल्कि उन्हें प्रदर्शन-आधारित प्रोत्साहनों के माध्यम से अपने करियर को मजबूत करने का मौका भी दिया है। महिला कैरियर एजेंट्स को विभिन्न प्रशिक्षण और मेंटरशिप कार्यक्रमों के जरिए बीमा व्यवसाय की बारीकियों को समझने और एक सफल एजेंट बनने का अवसर प्रदान किया जाता है।
वजीफा योजना और प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन
बीमा सखी योजना के अंतर्गत, नियुक्ति के बाद पहले तीन वर्षों तक महिलाओं को वजीफा प्रदान किया जाता है। यह वजीफा उनकी कमीशन आय के अतिरिक्त होता है और पूरी तरह से उनके प्रदर्शन पर आधारित होता है।
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पहला वर्ष: ₹7,000 प्रति माह
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दूसरा वर्ष: ₹6,000 प्रति माह
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तीसरा वर्ष: ₹5,000 प्रति माह
यह व्यवस्था उन महिलाओं को प्रारंभिक आर्थिक सहायता प्रदान करती है, जो बीमा क्षेत्र में नई शुरुआत कर रही हैं। इससे वे अपने नेटवर्क को मजबूत करने और ग्राहक आधार बनाने में सक्षम हो पाती हैं।
बीमा सखियों का बढ़ता प्रभाव
देशभर में अब तक 2,05,896 बीमा सखियों का नामांकन इस योजना की लोकप्रियता और सफलता को दर्शाता है। ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों की महिलाएं भी अब इस अवसर का लाभ उठाकर आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ा रही हैं। एलआईसी द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता अभियान और प्रशिक्षण कार्यक्रम इस परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
बीमा सखियों के माध्यम से न केवल महिलाओं को रोज़गार मिल रहा है, बल्कि समाज में वित्तीय जागरूकता और बीमा कवरेज बढ़ाने में भी अहम योगदान मिल रहा है। महिलाओं की संवेदनशीलता और स्थानीय समुदाय में उनकी पकड़ इस पहल को और अधिक प्रभावी बना रही है।
सरकार का दृष्टिकोण
वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में इस योजना की उपलब्धियों पर जानकारी देते हुए कहा कि बीमा सखी योजना महिलाओं को औपचारिक रोजगार और उद्यमिता का अवसर प्रदान करने वाली एक क्रांतिकारी पहल है। इस योजना से महिलाएं न केवल आर्थिक रूप से मजबूत होंगी, बल्कि वित्तीय सेवाओं में भी एक सशक्त स्थान प्राप्त करेंगी।
सरकार और एलआईसी का लक्ष्य आने वाले वर्षों में इस योजना के दायरे को और बढ़ाना है ताकि देश के हर कोने में महिलाएं बीमा क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभा सकें।
महिला सशक्तिकरण और आर्थिक स्वतंत्रता की दिशा में कदम
बीमा सखी योजना केवल एक बीमा एजेंसी प्रोग्राम नहीं है, बल्कि यह महिला उद्यमिता और आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करने का माध्यम भी है। इस योजना के माध्यम से महिलाएं न केवल अपना कैरियर बना रही हैं बल्कि समाज में वित्तीय साक्षरता और सुरक्षा का संदेश भी फैला रही हैं।
एलआईसी द्वारा प्रदान किए जाने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम, प्रदर्शन-आधारित प्रोत्साहन और वजीफा, महिलाओं को अपने काम में उत्कृष्टता प्राप्त करने और एक सफल बीमा पेशेवर बनने का अवसर देते हैं।
भविष्य की दिशा
सरकार की योजना है कि आने वाले वर्षों में बीमा सखी योजना के माध्यम से 3 लाख से अधिक महिलाओं को जोड़ने का लक्ष्य रखा जाए। साथ ही एलआईसी की भर्ती प्रक्रिया में महिलाओं की भागीदारी और नेतृत्व को और बढ़ाने की दिशा में विशेष कदम उठाए जाएंगे।
एलआईसी का मानना है कि महिलाओं की सहभागिता बीमा क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी, क्योंकि महिलाएं समाज के हर वर्ग तक वित्तीय सुरक्षा का संदेश बेहतर ढंग से पहुंचा सकती हैं।
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