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नई दिल्ली New Delhi : भारतीय वित्तीय और बीमा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक बदलाव का रास्ता साफ़ हो गया है। बीमा सुगम इंडिया फेडरेशन (BSIF) ने शुक्रवार, 5 सितम्बर 2025 को औपचारिक रूप से घोषणा की कि उसका बहुप्रतीक्षित डिजिटल बीमा मार्केटप्लेस “बीमा सुगम” इसी वर्ष आम जनता के लिए चरणबद्ध तरीके से शुरू कर दिया जाएगा। इस प्लैटफॉर्म का मुख्य उद्देश्य बीमा सेवाओं को अधिक सरल, पारदर्शी और किफ़ायती बनाना है ताकि वर्ष 2047 तक हर नागरिक तक बीमा सुरक्षा पहुँच सके।
बीमा सुगम का विज़न और उद्देश्य
भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने 2024 में इस नई पहल को मंज़ूरी दी थी। इसका मक़सद प्रधानमंत्री द्वारा निर्धारित राष्ट्रीय लक्ष्य “इंश्योरेंस फॉर ऑल बाय 2047” यानी “2047 तक सबके लिए बीमा” को पूरा करना है। इस पहल के माध्यम से जीवन बीमा, स्वास्थ्य बीमा और सामान्य बीमा सभी श्रेणियों को एक एकीकृत डिजिटल खिड़की (Single Digital Gateway) से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
बीमा सुगम से उम्मीद की जा रही है कि यह देश के बीमा पारिस्थितिकी तंत्र को उसी तरह बदल देगा, जैसे UPI ने डिजिटल पेमेंट के क्षेत्र में क्रांति की थी।
शुरुआत कैसे होगी?
बीमा सुगम का rollout फेज़-वाइज (चरणबद्ध) तरीके से होगा:
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पहला चरण – बीमा कंपनियों को इस प्लेटफॉर्म पर जोड़ने और उनके साथ पायलट इंटिग्रेशन शुरू करने की अनुमति दी जाएगी।
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दूसरा चरण – विभिन्न बीमा कंपनियों और बिचौलियों (इंटरमीडियरीज़) का चरणबद्ध तरीके से ऑनबोर्डिंग होगा।
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तीसरा चरण – ग्राहकों के लिए सीधे पॉलिसी खरीदने, प्रीमियम भरने, क्लेम दर्ज करने और शिकायत निवारण जैसी सेवाएँ सार्वजनिक रूप से खोली जाएंगी।
BSIF के अधिकारियों का कहना है कि इस क्रमिक मॉडल का मक़सद यह सुनिश्चित करना है कि प्लेटफॉर्म पूरी तरह से सुरक्षित, विश्वसनीय और तकनीकी रूप से स्थिर हो, ताकि ग्राहक भरोसे के साथ इसका इस्तेमाल कर सकें।
स्ट्रक्चर और कैपिटल
बीमा सुगम को कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 8 (Section 8) के तहत एक नाफ़ा-नुक़सान से परे (not-for-profit) कंपनी के रूप में स्थापित किया गया है।
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अधिकृत पूंजी (Authorised Capital): 500 करोड़ रुपये
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अंश पूंजी (Paid-up Capital): लगभग 310 करोड़ रुपये
इसकी सबसे अहम विशेषता यह है कि इसमें जीवन बीमा, सामान्य बीमा और स्वास्थ्य बीमा कंपनियों की संयुक्त हिस्सेदारी होगी। किसी एक कंपनी या संस्था के पास नियंत्रणकारी शक्ति नहीं होगी। यानी, यह पूरी तरह साझेदारी आधारित (board-managed) मॉडल होगा, जिससे निर्णय निष्पक्ष और संतुलित रहेंगे।
तकनीकी सहयोग
इस प्लेटफॉर्म की तकनीकी संरचना का विकास प्रोटियन ई-गॉव टेक्नोलॉजीज़ कर रही है।
बीमा सुगम इंडिया फेडरेशन ने अब तक करीब 150 से अधिक उद्योग प्रतिनिधियों के साथ परामर्श सत्र पूरे किए हैं। इसके आधार पर एक इंटीग्रेशन हैंडबुक और मानकीकृत API (एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफ़ेस) तैयार की जा रही है। इसका मक़सद यह सुनिश्चित करना है कि सभी बीमा कंपनियों और बिचौलियों को जोड़ने की प्रक्रिया एक समान और सरल हो।
ग्राहकों को क्या मिलेगा लाभ
ग्राहकों के लिए बीमा सुगम एक वन-स्टॉप डिजिटल सॉल्यूशन साबित होगा।
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पॉलिसी खरीदने की सुविधा : जीवन, स्वास्थ्य और सामान्य बीमा उत्पाद एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होंगे।
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पेपरलेस प्रोसेस : पूरी प्रक्रिया डिजिटल होगी, जिससे कागज़ी दस्तावेज़ों की ज़रूरत कम होगी।
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क्लेम सेटलमेंट : ग्राहक सीधे इस पोर्टल पर अपने क्लेम दर्ज कर पाएंगे और उनकी स्थिति आसानी से ट्रैक कर सकेंगे।
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शिकायत निवारण और पारदर्शिता : शिकायत दर्ज करने और निपटाने की एकीकृत व्यवस्था उपलब्ध होगी।
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इंटरऑपरेबिलिटी : यदि कोई ग्राहक किसी दूसरी बीमा कंपनी में जाना चाहे तो प्रक्रिया तेज़ और निष्पक्ष होगी।
यह बदलाव आम ग्राहक के लिए बीमा को उतना ही आसान और भरोसेमंद बना सकता है, जितना आज डिजिटल भुगतान UPI के माध्यम से हो गया है।
विशेषज्ञों की राय
BSIF के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रसून सिकदर ने कहा:
“बीमा सुगम न सिर्फ बीमा खरीदने और बेचने की प्रक्रिया को आसान बनाएगा, बल्कि पूरे सेक्टर में भरोसा और पारदर्शिता भी बढ़ाएगा। हमारा उद्देश्य एक ऐसा डिजिटल ढाँचा बनाना है, जिस पर सभी स्टेकहोल्डर अपना भरोसा जता सकें।”
बीमा विशेषज्ञों का मानना है कि यह पहल ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के लिए विशेष रूप से लाभकारी हो सकती है। अभी तक वहाँ बीमा की पैठ बेहद सीमित रही है। डिजिटल सुविधा के साथ अधिक लोग बिना किसी बिचौलिये के सीधे बीमा उत्पाद खरीद पाएँगे।
संभावित असर
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बीमा कंपनियों पर असर – उन्हें ग्राहक तक पहुँचने में आसानी होगी। साथ ही प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जिससे उत्पाद और सेवाएँ अधिक किफ़ायती होंगी।
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ग्राहकों पर असर – सिंगल पोर्टल से सुविधा, कम समय में क्लेम निपटान, और पारदर्शी प्रक्रियाएँ।
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समाज पर असर – तिहरे लाभ: सुरक्षा कवच, आर्थिक स्थिरता, और “इंश्योरेंस फॉर ऑल” मिशन की प्रगति।
भारत का बीमा क्षेत्र आने वाले वर्षों में बड़े बदलावों के दौर से गुज़रने वाला है और बीमा सुगम इसका आधार स्तंभ साबित हो सकता है। यह डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर बीमा जगत में उसी तरह क्रांति करने की क्षमता रखता है, जैसी क्रांति डिजिटल पेमेंट सिस्टम में UPI ने की।
जब यह प्लेटफॉर्म पूरी तरह ग्राहकों के लिए उपलब्ध होगा, तो न केवल बीमा उत्पाद खरीदना आसान होगा बल्कि क्लेम और शिकायत निवारण भी तेज़ होगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगले कुछ वर्षों में बीमा सुगम भारतीय बीमा क्षेत्र को अधिक समावेशी, अधिक भरोसेमंद और अधिक ग्राहक-केंद्रित बना देगा।
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