सोशल मीडिया पर निवेश को लेकर एक लाख से अधिक भ्रामक सामग्री पर SEBI की कार्रवाई

SEBI takes action against over 1 lakh misleading content on social media regarding investments

सोशल मीडिया पर वित्तीय धोखाधड़ी रोकने के लिए नियामक का बड़ा कदम

मुंबई: पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने निवेशकों को भ्रामक और जोड़-तोड़ वाली बाज़ार-संबंधित सामग्री से बचाने के लिए एक बड़ी कार्रवाई की है। SEBI के अध्यक्ष, तुहिन कांता पांडे ने मंगलवार को घोषणा की कि नियामक ने प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों, जिनमें गूगल (Google), मेटा (Meta), एक्स (X) और टेलीग्राम (Telegram) शामिल हैं, को एक लाख से अधिक ऐसी सामग्री की रिपोर्ट की है। यह कदम अपंजीकृत ‘फिनफ्लुएंसर्स’ (वित्तीय सलाह देने वाले प्रभावित करने वाले लोग) और असत्यापित वित्तीय सलाह के प्रसार पर अंकुश लगाने के SEBI के व्यापक प्रयास का हिस्सा है।

बाज़ार की अखंडता के लिए खतरा

मुंबई में एक उद्योग कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, श्री पांडे ने जोर देकर कहा कि SEBI ने डिजिटल चैनलों पर अपनी निगरानी बढ़ा दी है। इसका मुख्य उद्देश्य खुदरा निवेशकों को उस गलत सूचना और धोखाधड़ी वाले दावों से बचाना है जो बाज़ार की अखंडता के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं। उन्होंने कहा, “निवेशक संरक्षण और बाज़ार की अखंडता केवल नियामक नारे नहीं हैं, इन्हें वास्तविक दुनिया के परिणामों में बदलना होगा।” यह टिप्पणी इस बात पर प्रकाश डालती है कि SEBI केवल नियम बनाने के बजाय, निवेशकों की सुरक्षा के लिए ज़मीनी स्तर पर परिणाम प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।

निवेशक सुरक्षा के लिए प्रमुख नियामक पहलें

भ्रामक सामग्री पर कार्रवाई के साथ-साथ, SEBI ने निवेशक सुरक्षा, बाज़ार पारदर्शिता और परिचालन लचीलेपन को बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण नियामक कदम उठाए हैं। इन पहलों में शामिल हैं:

  • सत्यापित UPI हैंडल और SEBI चेक सुविधा: वास्तविक मध्यस्थ भुगतान ID को सत्यापित करने और साइबर धोखाधड़ी को रोकने के लिए नई प्रणालियाँ शुरू की गई हैं।
  • सेक्योरिटीज और फंड का सीधा भुगतान: निवेशकों के बैंक और डीमैट खातों में प्रतिभूतियों और फंड का सीधा भुगतान सुनिश्चित किया गया है ताकि संपत्तियों के दुरुपयोग को रोका जा सके।
  • अनधिकृत गतिविधि पर स्वैच्छिक फ़्रीजिंग: संदिग्ध अनधिकृत गतिविधि के मामले में ट्रेडिंग खातों को स्वैच्छिक रूप से फ्रीज/ब्लॉक करने की सुविधा दी गई है।
  • MITRA प्लेटफॉर्म का लॉन्च: निवेशकों को निष्क्रिय म्युचुअल फंड फोलियो को ट्रैक करने, KYC अनुपालन सुनिश्चित करने और धोखाधड़ी के जोखिम को कम करने में मदद करने के लिए यह प्लेटफॉर्म शुरू किया गया है।
  • एल्गोरिथम ट्रेडिंग के लिए सुरक्षित ढांचा: ब्रोकरों के माध्यम से एल्गोरिथम ट्रेडिंग में खुदरा भागीदारी को सुरक्षित बनाने के लिए एक नया ढांचा तैयार किया गया है।

शिकायत निवारण प्रणाली को मज़बूती

SEBI ने अपनी SCORES निवेशक शिकायत निवारण प्रणाली को भी मजबूत किया है। अब यह प्रणाली ऑटो-राउटिंग, ऑटो-एस्केलेशन और शिकायतों के तेजी से समाधान को सक्षम बनाती है। इन सभी उपायों का उद्देश्य पूंजी बाज़ार में खुदरा निवेशकों के विश्वास को मजबूत करना और उन्हें डिजिटल युग में धोखाधड़ी से बचाना है।

नियामक की यह आक्रामक कार्रवाई दर्शाती है कि SEBI वित्तीय गलत सूचना के प्रसार को नियंत्रित करने और भारत के निवेश परिदृश्य के लिए एक सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करने के लिए सोशल मीडिया कंपनियों के साथ सक्रिय रूप से मिलकर काम कर रहा है।

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By MFNews

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