#NSEIPO #SEBI #StockMarketIndia #IndianEconomy #CapitalMarkets #NSEListing #InvestInIndia #IndianIPO #FinancialMarkets #MarketNews #NSEValuation #Investors
मुंबई Mumbai: भारतीय पूंजी बाजार के इतिहास में सबसे प्रतीक्षित घटनाओं में से एक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का आईपीओ अब अंतिम चरण में पहुंचता दिखाई दे रहा है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के चेयरमैन तुहिनकांत पांडे ने शुक्रवार को संकेत दिया कि एक्सचेंज की लंबित लिस्टिंग को लेकर मंजूरी बहुत जल्द मिल सकती है।
सेबी की हरी झंडी जल्द
सेबी बोर्ड की बैठक के बाद पांडे ने कहा कि एनएसई से जुड़े कई लम्बे समय से अटके मुद्दों को अब सुलझा लिया गया है। नए चेयरमैन के कार्यभार संभालने के बाद हालात में सकारात्मक बदलाव आया है और इससे लिस्टिंग की राह साफ हो गई है।
उन्होंने कहा कि एनएसई का आईपीओ भारतीय पूंजी बाजार के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगा और निवेशकों के लिए यह बड़ी संभावना लेकर आएगा।
8-9 महीनों में संभव लिस्टिंग
10 सितंबर को एनएसई के प्रबंध निदेशक और सीईओ आशीषकुमार चौहान ने कहा था कि सेबी से अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) मिलने के बाद लगभग 8 से 9 महीनों के भीतर एनएसई के शेयर बाजार में उतरने की संभावना है।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि एनएसई पहले से ही व्यापक शेयरधारिता वाला संगठन है, जहां 1.7 लाख से अधिक शेयरधारक जुड़े हुए हैं। यह इसे सामान्य कंपनियों से अलग बनाता है, जो आमतौर पर आईपीओ से पहले कुछ ही शेयरधारकों तक सीमित रहती हैं।
भारत का सबसे बड़ा फिनटेक
चौहान ने एनएसई को भारत का पहला और सबसे बड़ा फिनटेक प्लेटफॉर्म बताया। उन्होंने कहा कि एक्सचेंज ने उभरती अर्थव्यवस्था में पूंजी निर्माण को नई ऊँचाइयों तक पहुंचाया है और यह भारतीय वित्तीय प्रणाली का अहम स्तंभ है।
लंबे इंतजार की कहानी
एनएसई ने वर्ष 2016 में ही अपना ड्राफ्ट प्रॉस्पेक्टस दाखिल किया था। उस समय योजना थी कि मौजूदा शेयरधारक लगभग 22% हिस्सेदारी बेचकर करीब ₹10,000 करोड़ जुटाएंगे।
लेकिन सेबी ने गवर्नेंस से जुड़ी चिंताओं और को-लोकेशन मामले के चलते मंजूरी नहीं दी। इसके बाद एनएसई ने कई बार नियामक से अनुमति मांगी, लेकिन मंजूरी अटकती रही।
अब जब सेबी प्रमुख ने मंजूरी जल्द मिलने का संकेत दिया है, तो बाजार विशेषज्ञ इसे भारतीय पूंजी बाजार के लिए ऐतिहासिक क्षण मान रहे हैं।
निवेशकों की बढ़ती रुचि
एनएसई के आईपीओ में निवेशकों की दिलचस्पी लगातार बढ़ रही है। खासकर तब से जब 2024 में बर्गंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 सूची में एनएसई की वैल्यूएशन में जबरदस्त उछाल दर्ज किया गया।
इस सूची के अनुसार, एनएसई का मूल्यांकन 201% की वृद्धि के साथ बढ़कर ₹4.7 लाख करोड़ तक पहुंच गया। यह वृद्धि एनएसई की मजबूत बाजार स्थिति और निवेशकों के विश्वास को दर्शाती है।
क्यों खास होगा एनएसई का आईपीओ?
-
सबसे बड़ा वित्तीय संस्थान: एनएसई न केवल भारत का बल्कि एशिया का भी अग्रणी एक्सचेंज है।
-
मजबूत शेयरधारिता: पहले से ही लाखों निवेशकों की भागीदारी।
-
पूंजी बाजार पर प्रभाव: आईपीओ के बाद बाजार की गहराई और पारदर्शिता बढ़ेगी।
-
आकर्षक मूल्यांकन: मौजूदा वैल्यूएशन इसे भारत के सबसे बड़े आईपीओ में से एक बना सकता है।
-
वैश्विक छवि: अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के लिए भी भारतीय बाजार का भरोसा मजबूत होगा।
विशेषज्ञों की राय
बाजार विश्लेषकों का मानना है कि एनएसई का आईपीओ भारतीय वित्तीय क्षेत्र को नई दिशा देगा। इससे पूंजी बाजार में निवेशकों की भागीदारी बढ़ेगी और घरेलू बाजार को वैश्विक स्तर पर और प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद मिलेगी।
वहीं, कुछ विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि इतनी बड़ी वैल्यूएशन पर सही प्राइसिंग और रिटेल निवेशकों को आकर्षित करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इसके बावजूद, एनएसई की प्रतिष्ठा और प्रदर्शन निवेशकों के लिए भरोसेमंद आधार प्रदान करते हैं।
आगे की राह
एनएसई का आईपीओ केवल एक वित्तीय घटना नहीं, बल्कि भारत के पूंजी बाजार के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है। यदि सब कुछ नियोजित तरीके से आगे बढ़ता है तो अगले साल की दूसरी छमाही में भारतीय बाजार अपने अब तक के सबसे बड़े और बहुप्रतीक्षित आईपीओ का गवाह बनेगा।
🔖 हैशटैग्स
#NSEIPO #SEBI #StockMarketIndia #IndianEconomy #CapitalMarkets #NSEListing #InvestInIndia #IndianIPO #FinancialMarkets #MarketNews #NSEValuation #Investors #StockMarketUpdates #BullsAndBears #IndiaGrowthStory
