DPIIT और ICICI बैंक ने किया बड़ा समझौता – देशभर के स्टार्टअप्स की उड़ान होगी और मजबूत

ICICI Bank’s ‘Festive Bonanza’ returns with blockbuster deals across top brands

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नई दिल्ली – भारत को स्टार्टअप हब बनाने की दिशा में केंद्र सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT), जो वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है, ने आईसीआईसीआई बैंक के साथ मिलकर एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते का उद्देश्य यह है कि भारत के नवप्रवर्तकों (innovators) और स्टार्टअप्स को नए अवसर उपलब्ध कराए जाएं, ताकि वे अपने आइडियाज़ को व्यवसाय और बड़े पैमाने पर समाधान में बदल सकें।

स्टार्टअप एंगेजमेंट प्रोग्राम – डिजिटल पोर्टल पर शुरुआत

इस समझौते के तहत, ICICI बैंक एक विस्तृत स्टार्टअप एंगेजमेंट प्रोग्राम तैयार करेगा और इसे स्टार्टअप इंडिया पोर्टल पर लॉन्च किया जाएगा। यह कार्यक्रम इस तरह डिजाइन किया गया है कि स्टार्टअप्स को आसानी से इसमें शामिल होने का मौका मिले।

  • स्टार्टअप इंडिया इस कार्यक्रम के प्रचार-प्रसार, दृश्यता बढ़ाने और जागरूकता फैलाने में सहयोग करेगा।

  • कार्यक्रम को सरकार की स्टार्टअप इंडिया पहल से जोड़ा जाएगा ताकि इसका लाभ पूरे देश में डीपीआईआईटी-पहचाने गए स्टार्टअप्स को मिल सके।

  • यह पहल न केवल शुरुआती चरण के स्टार्टअप्स को बल्कि ग्रोथ-स्टेज पर पहुंच चुके स्टार्टअप्स को भी सहायता और नए अवसर प्रदान करेगी।

स्टार्टअप्स के लिए मिलने वाले फायदें

इस MoU के अंतर्गत चुने गए स्टार्टअप्स को ढेरों लाभ मिलेंगे, जैसे:

  1. मुंबई एक्सलेरेटर सुविधा तक पहुँच: ICICI बैंक का एक्सलेरेटर, जिसमें आधुनिक कार्यस्थल और आवश्यक तकनीकी इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध है।

  2. संरचित पाठ्यक्रम और मार्गदर्शन: स्टार्टअप्स को इंडस्ट्री के अनुभवी विशेषज्ञों और लीडर्स का मार्गदर्शन मिलेगा। इससे वे अपने आइडियाज को बाज़ार के अनुरूप विकसित कर पाएंगे।

  3. पायलट प्रोग्राम में अवसर: स्टार्टअप्स को ICICI बैंक की अलग-अलग बिजनेस यूनिट्स के साथ पायलट प्रोजेक्ट्स चलाने का मौका मिलेगा। यह उनके लिए एक बड़ा अवसर होगा, क्योंकि इससे वे अपने उत्पादों और सेवाओं का बाजार के हिसाब से परीक्षण कर पाएंगे।

  4. निवेशकों से जुड़ाव: स्टार्टअप्स को वेंचर कैपिटल फर्मों, निवेशकों और संभावित बड़े ग्राहकों से नेटवर्किंग का मंच मिलेगा।

  5. वर्कशॉप्स और इनोवेशन शोकेस: नियमित अंतराल पर इंडस्ट्री स्पेसिफिक वर्कशॉप्स और इनोवेशन प्रदर्शनी आयोजित होंगी जिनमें स्टार्टअप्स भाग लेकर नए अवसर पा सकेंगे।

इस तरह यह MoU स्टार्टअप्स के लिए एक्सलेरेटेड ग्रोथ रोडमैप उपलब्ध कराता है।

MoU का महत्व

इस साझेदारी के जरिए सरकार और निजी क्षेत्र, दोनों मिलकर एक मजबूत स्टार्टअप इकोसिस्टम तैयार करने की दिशा में काम कर रहे हैं। अब तक स्टार्टअप इंडिया ने हजारों उद्यमियों को उनके विचारों को वास्तविकता में बदलने के लिए प्लेटफॉर्म और समर्थन प्रदान किया है। लेकिन अब इस पहल से:

  • स्टार्टअप्स की बिजनेस डेवलपमेंट गतिविधियों को गति मिलेगी।

  • उनके उत्पादों में और सुधार होकर वे बाज़ार प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार होंगे।

  • संचालन और उत्पादन को बड़े पैमाने पर स्केल-अप करने में मदद मिलेगी।

DPIIT और ICICI बैंक की साझा दृष्टि

समारोह के दौरान DPIIT के संयुक्त सचिव श्री संजीव ने कहा,
“आईसीआईसीआई बैंक के साथ यह साझेदारी केवल समर्थन भर नहीं है, बल्कि यह एक दूरगामी प्रभाव पैदा करने का प्रयास है। यह पहल शुरुआती और विकास-स्तर के उद्यमियों को नए अवसरों और सहयोग की राह दिखाएगी, जिससे भारत के औद्योगिक और वित्तीय परिदृश्य में एक बड़ा बदलाव आएगा।”

वहीं, ICICI बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी कहा कि बैंक अब सिर्फ वित्तीय सुविधाएँ ही नहीं, बल्कि नवाचार और तकनीकी विकास को भी प्रोत्साहित करेगा। उनके अनुसार, स्टार्टअप्स को सही समय पर मार्गदर्शन और निवेशकों से जोड़ने से वे अगले स्तर तक तेजी से पहुँच सकेंगे।

ICICI बैंक की भूमिका

ICICI बैंक देश का अग्रणी निजी क्षेत्र का बैंक है। 30 जून 2025 तक बैंक की कुल परिसंपत्तियां ₹21,23,839 करोड़ पर थीं। बैंक पहले से ही डिजिटल बैंकिंग, टेक्नोलॉजी एडॉप्शन और ग्राहकों के लिए नवाचारी वित्तीय समाधान पेश करने में अग्रणी रहा है। अब यह MoU यह साबित करता है कि बैंक केवल वित्त तक ही सीमित नहीं है, बल्कि भारत के स्टार्टअप और नवाचार इकोसिस्टम का सहचर भी बन रहा है।

स्टार्टअप्स के लिए नई राह

भारत ने पिछले कुछ वर्षों में स्टार्टअप्स की संख्या और उनके उत्पादों में वैविध्य दोनों में जबरदस्त उछाल देखा है। 2025 तक भारत में 1,00,000 से अधिक स्टार्टअप्स पंजीकृत हैं, जिनमें से एक बड़ा हिस्सा तकनीक और इनोवेशन-प्रधान है। सरकार मानती है कि यदि इन स्टार्टअप्स को संसाधनों, मार्गदर्शन और वित्तीय सहयोग से जोड़ा जाए तो वे विकास इंजन की महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

DPIIT और ICICI बैंक की यह साझेदारी ठीक उसी सोच का परिणाम है। यह स्टार्टअप्स के लिए उन खाईयों को पाटेगी जो अब तक आइडिया से इंडस्ट्री तक की यात्रा में आड़े आती थीं।

निष्कर्ष

भारत सरकार और आईसीआईसीआई बैंक की इस पहल से यह साफ है कि अब स्टार्टअप्स को सिर्फ पंजीकरण और पहचान तक सीमित नहीं रखा जाएगा, बल्कि उन्हें व्यवसायिक रूप से आत्मनिर्भर और सफल बनाने के लिए हर प्रकार का सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा।

यह पहल न केवल उद्यमियों को नई दिशा देगी, बल्कि मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के सपने को भी नई गति देगी।


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By MFNews