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मुंबई: भारत के पूंजी बाज़ार में निवेशकों के लिए एक और महत्वपूर्ण अवसर समाप्त हुआ, क्योंकि रचित प्रिंट्स लिमिटेड का प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) आज सफलतापूर्वक बंद हो गया। यह आईपीओ 1 सितम्बर से निवेशकों के लिए खुला था और तीन दिनों तक सब्सक्रिप्शन बुक खुली रही। कंपनी ने इस प्रक्रिया के माध्यम से लगभग ₹19.49 करोड़ जुटाने का लक्ष्य रखा था।
आईपीओ का साइज
इस इश्यू में कंपनी ने कुल 13.08 लाख नए इक्विटी शेयर बाजार में जारी किए हैं। इसका पूरा हिस्सा फ्रेश इश्यू के रूप में आया है, यानि कंपनी ने किसी पुराने प्रमोटर शेयर की बिक्री नहीं की बल्कि सीधे बाजार से पूंजी जुटाई। इससे मिलने वाली राशि का उपयोग कंपनी अपने व्यापार विस्तार, कार्यशील पूंजी की ज़रूरतों और बैलेंस शीट को मज़बूत करने में करेगी।
आईपीओ का मूल्य दायरा (Price Band) ₹140 से ₹149 प्रति शेयर तय किया गया था। इस हिसाब से प्रति लॉट (1000 शेयर) ₹1,40,000 से लेकर ₹1,49,000 तक की न्यूनतम निवेश राशि तय रही। खुदरा निवेशकर्ता (Retail Investors) अधिकतम दो लॉट यानी 2000 शेयरों के लिए आवेदन कर सकते थे, जिसकी ऊपरी सीमा ₹2,98,000 तक रही।
जनता और अन्य श्रेणियों के लिए आरक्षण
कुल शेयरों में से लगभग 6.08 लाख शेयर आम जनता के लिए उपलब्ध कराए गए। शेष हिस्सेदारी योग्य संस्थागत निवेशकों (QIB), गैर-संस्थागत निवेशकों (NII/HNI) और अन्य श्रेणियों को आवंटित की गई। इस प्रकार संरचना को SEBI के निर्देशों के अनुसार विभाजित किया गया है।
लिस्टिंग की तैयारी
अब जब यह सार्वजनिक निर्गम समाप्त हो चुका है, कंपनी के शेयरों की लिस्टिंग तिथि 8 सितम्बर 2025 तय की गई है। रचित प्रिंट्स लिमिटेड के शेयर बीएसई (BSE) पर सूचीबद्ध होंगे। निवेशकों और विश्लेषकों की निगाहें इस लिस्टिंग पर टिकी हुई हैं, क्योंकि आमतौर पर SME और मिड-कैप कंपनियों की शुरुआती लिस्टिंग पर निवेशक भावना अहम भूमिका निभाती है।
कंपनी की पृष्ठभूमि और भविष्य की रणनीति
रचित प्रिंट्स लिमिटेड लंबे समय से टेक्सटाइल प्रिंटिंग सॉल्यूशंस और फैब्रिक प्रोसेसिंग के क्षेत्र में कार्यरत है। कंपनी का मानना है कि तिमाही और वार्षिक आय में सुधार की गुंजाइश अभी भी काफी अधिक है। भारत जैसे देश में जहां वस्त्र और प्रिंटिंग उद्योग का बड़ा हिस्सा निर्यात और घरेलू उपयोग से जुड़ा है, वहां इस सेक्टर की संभावनाएं मजबूत हैं।
कंपनी का कहना है कि जुटाए गए धन का एक बड़ा हिस्सा क्षमता विस्तार, मशीनरी उन्नयन, और कार्य संचालन की दक्षता बढ़ाने में लगाया जाएगा। इसके अलावा, कार्यशील पूंजी की स्थिति को मज़बूत कर कंपनी अपने ऑर्डर डिलीवरी मॉडल को और चुस्त-दुरुस्त करना चाहती है।
बाजार पर असर और निवेशकों की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि SME सेक्टर में आ रहे IPO पिछले कुछ वर्षों में निवेशकों को अच्छा रिटर्न देने में सफल रहे हैं। हालांकि, इस तरह के निवेश में जोखिम भी उतना ही अधिक माना जाता है। रचित प्रिंट्स लिमिटेड चूंकि मध्यम आकार का इश्यू लेकर आया है, इसलिए इससे अत्यधिक अस्थिरता की संभावना नहीं है लेकिन शुरुआती लिस्टिंग प्रीमियम या डिस्काउंट महत्वपूर्ण होगा।
खुदरा निवेशकों की रुचि इस बात पर निर्भर करेगी कि स्टॉक मार्केट की मौजूदा धारणा कैसी है। जहां मिडकैप और स्मॉल कैप शेयरों ने हाल के महीनों में मजबूत रैली दिखाई है, वहीं कुछ विश्लेषकों ने निवेशकों को सतर्कता बरतने की सलाह भी दी है।
तीन दिन की सफल सदस्यता (Subscription) प्रक्रिया के बाद अब सबकी निगाहें 8 सितम्बर 2025 पर टिक गई हैं, जब रचित प्रिंट्स लिमिटेड का स्टॉक पहली बार स्टॉक मार्केट पर डेब्यू करेगा। IPO के पूरे सब्सक्रिप्शन आंकड़े और श्रेणीवार आंकड़े (QIB, NII, Retail) अगले दिन तक सामने आने की उम्मीद है, जो यह बताएंगे कि निवेशकों ने इस निर्गम को कितना समर्थन दिया।
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