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नई दिल्ली: भारतीय म्यूचुअल फंड उद्योग को देश के हर कोने तक पहुँचाने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) ने डाक विभाग (Department of Posts) के साथ एक समझौता (MoU) किया है, जिसके तहत देशभर में एक लाख डाकियों को प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि वे म्यूचुअल फंड्स का वितरण कर सकें।
यह घोषणा एएमएफआई के 30वें स्थापना दिवस (22 अगस्त) के मौके पर की गई। इस अवसर पर एक विशेष स्मारक डाक कवर भी जारी किया गया, जिस पर एएमएफआई का कैंसिलेशन मार्क था।
एएमएफआई की 30 साल की यात्रा
पिछले तीन दशकों में म्यूचुअल फंड उद्योग ने भारत में वित्तीय समावेशन की दिशा में लंबा सफर तय किया है। कभी केवल शहरी निवेशकों तक सीमित यह उद्योग आज देश के लाखों निवेशकों तक पहुँच चुका है। एएमएफआई का यह नया कदम इसे और गहराई तक ले जाएगा, खासकर उन ग्रामीण और दूरदराज़ इलाकों तक जहाँ डाकिया ही आम आदमी तक पहुँचने का सबसे भरोसेमंद जरिया है।
सेबी अध्यक्ष ने किया भरोसे पर जोर
इस अवसर पर सेबी के चेयरमैन तुहिन कांता पांडेय ने कहा:
“एएमएफआई के 30वें स्थापना दिवस पर हम सिर्फ उद्योग की प्रगति का ही नहीं, बल्कि उन करोड़ों भारतीयों के विश्वास का भी जश्न मना रहे हैं जिन्होंने म्यूचुअल फंड्स को अपने सपनों तक पहुँचने का रास्ता बनाया है। म्यूचुअल फंड्स ने बचत को निवेश में बदला है और अब हमारा लक्ष्य है इसे और ज्यादा भौगोलिक क्षेत्रों तक पहुँचाना। हमारी असली सफलता सिर्फ AUM (Assets Under Management) नहीं होगी, बल्कि ‘Trust Under Management’ होगी, जो इस उद्योग की आत्मा है।”
हर घर तक म्यूचुअल फंड पहुँचाने का संकल्प
एएमएफआई के सीईओ वेंकट चलसानी ने कहा:
“पिछले 30 वर्षों से एएमएफआई हर भारतीय घर तक म्यूचुअल फंड पहुँचाने के लिए समर्पित रहा है। आज हम भविष्य की ओर देखते हुए वित्तीय साक्षरता को गहरा करने, वितरण नेटवर्क बढ़ाने और लोगों को जागरूक निवेशक बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। डाक विभाग के साथ यह साझेदारी इस दिशा में बड़ा कदम है।”
एएमएफआई के चेयरमैन नवनीत मुनोत ने भी म्यूचुअल फंड उद्योग की अहमियत पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा:
“भारत की विकास यात्रा में खुदरा निवेशकों की मजबूत और जागरूक भागीदारी जरूरी है। म्यूचुअल फंड्स इस दिशा में परिवर्तनकारी भूमिका निभा सकते हैं। निवेशकों के विश्वास को बनाए रखते हुए एएमएफआई वित्तीय समावेशन को व्यापक स्तर तक ले जाएगा और बचत संस्कृति को और मज़बूत करेगा।”
रिटायरमेंट पर व्हाइट पेपर जारी
कार्यक्रम में एएमएफआई ने ‘व्हाइट पेपर ऑन रिटायरमेंट’ भी लॉन्च किया। इसमें भारत की पेंशन व्यवस्था को मजबूत करने पर जोर दिया गया। रिपोर्ट में कहा गया कि देश की बड़ी कार्यबल अभी भी औपचारिक रिटायरमेंट बचत से बाहर है। इसलिए नियामकों, नीति निर्माताओं, उद्योग और निवेशकों को मिलकर जल्दी और निरंतर लंबी अवधि की बचत को प्रोत्साहित करना चाहिए, ताकि हर नागरिक को वृद्धावस्था में वित्तीय सुरक्षा मिल सके।
निवेशक जागरूकता के लिए नई पहल
एएमएफआई ने निवेशकों में जागरूकता फैलाने के लिए कई नई पहलें भी शुरू कीं, जिनमें शामिल हैं:
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‘निवेश का सही कदम’: यह पहल 13 से अधिक क्षेत्रीय भाषाओं में टीवी, डिजिटल प्लेटफॉर्म और 30 ऑन-ग्राउंड निवेशक कैंपों के जरिए जानकारी उपलब्ध कराएगी।
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‘भारत निवेश रेल यात्रा’: पहली बार वंदे भारत ट्रेनों पर वित्तीय साक्षरता का अभियान चलाया जाएगा, ताकि यात्री सफर के दौरान भी निवेश संबंधी जानकारी हासिल कर सकें।
उद्योग योगदान को मान्यता
निवेश को जन-जन तक पहुँचाने में बिचौलियों और वितरकों की भूमिका को मान्यता देते हुए एएमएफआई ने ‘पार्टनर्स इन एक्सीलेंस प्रोग्राम’ का दूसरा संस्करण घोषित किया। इसके तहत म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर्स (MFDs) को सम्मानित किया जाएगा।
भविष्य की दिशा
डाक विभाग और एएमएफआई का यह समझौता ग्रामीण भारत में वित्तीय समावेशन का नया अध्याय खोलेगा। एक लाख डाकिये जब म्यूचुअल फंड्स के प्रशिक्षित वितरक बनेंगे, तो निवेशक शिक्षा और जागरूकता गाँव-गाँव तक पहुँच सकेगी। इससे न सिर्फ उद्योग का विस्तार होगा, बल्कि भारत को ‘विकसित भारत’ बनाने की दिशा में वित्तीय सशक्तिकरण का भी मार्ग प्रशस्त होगा।
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