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नई दिल्ली – कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) जनरेशन और एक्टिवेशन प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है। अब उमंग (UMANG) ऐप के माध्यम से यूएएन जनरेट करने और एक्टिवेट करने के लिए आधार आधारित फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक (FAT) अनिवार्य कर दी गई है।
यह कदम कागज रहित, सटीक और प्रमाणिक प्रक्रिया को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया है, ताकि आधार से जुड़ी बायोमेट्रिक पहचान के माध्यम से यूएएन का आवंटन तेज और त्रुटिरहित हो सके।
क्या बदल गया है?
EPFO द्वारा जारी परिपत्र के अनुसार, यह नया नियम केवल उमंग ऐप के माध्यम से यूएएन जनरेट करने वाले उपयोगकर्ताओं पर लागू होगा। इन मामलों में, पहचान सत्यापन के लिए फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी (FAT) अब अनिवार्य कर दी गई है।
यूएएन जनरेशन के लिए उपयोगकर्ताओं को अब अपने स्मार्टफोन पर UMANG ऐप के साथ-साथ Aadhaar Face RD ऐप भी इंस्टॉल करना होगा।
किन मामलों में FAT से छूट मिलेगी?
नए नियमों के अनुसार, कुछ विशेष श्रेणियों को FAT प्रक्रिया से छूट दी गई है। इनमें शामिल हैं:
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अंतरराष्ट्रीय श्रमिक (International Workers)
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नेपाल और भूटान के नागरिक
इन मामलों में, पूर्ववत प्रक्रिया (जहां नियोक्ता यूएएन जनरेट करते हैं) अब भी लागू रहेगी।
FAT के ज़रिए UMANG पर उपलब्ध सेवाएं:
अब उमंग ऐप के माध्यम से निम्न सेवाएं स्व-सेवा (self-service) के रूप में उपलब्ध हैं, जिनमें न तो नियोक्ता की जरूरत होती है और न ही EPFO अधिकारियों की:
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नया UAN जनरेट और एक्टिवेट करना
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पहले से मौजूद लेकिन अनवेरिफाइड UAN को एक्टिवेट करना
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पहले से एक्टिवेटेड UAN के लिए बायोमेट्रिक फेस ऑथेंटिकेशन
प्रक्रिया कैसे काम करती है?
उमंग ऐप के माध्यम से UAN जनरेट/एक्टिवेट करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करना होगा:
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आधार नंबर और मोबाइल नंबर दर्ज करें
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आधार-आधारित प्रमाणीकरण के लिए सहमति दें
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ओटीपी प्राप्त करें और दर्ज करें
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Aadhaar Face RD ऐप के माध्यम से लाइव फेस स्कैन करें
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यूएएन स्वतः एसएमएस के माध्यम से प्राप्त होगा
EPFO की प्रणाली में आधार से जुड़ी जानकारी स्वतः भरी जाएगी, जिससे KYC स्वतः मान्य हो जाएगा और सदस्य तुरंत पासबुक, क्लेम सबमिशन, और अन्य सेवाओं का उपयोग कर सकेंगे।
यह बदलाव क्यों लाया गया?
EPFO के अनुसार, इस अपडेट का उद्देश्य डिजिटल सेवाओं को:
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अधिक सटीक बनाना (आधार डेटाबेस से सीधी जानकारी)
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डुप्लिकेट और गलत एंट्री को समाप्त करना
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तेज़ ऑनबोर्डिंग और सेवाओं तक आसान पहुंच सुनिश्चित करना है
EPFO ने इससे पहले 8 अप्रैल को जारी एक सर्कुलर में FAT को एक वैकल्पिक विकल्प के रूप में पेश किया था। अब इसे UMANG उपयोगकर्ताओं के लिए अनिवार्य बना दिया गया है।
निष्कर्ष:
EPFO का यह नया कदम डिजिटल भारत की दिशा में एक और मजबूत प्रयास है, जो सदस्य की पहचान को बायोमेट्रिक स्तर पर सुरक्षित बनाता है। अब सदस्यों को कागज़ी कार्यवाही की आवश्यकता नहीं होगी और वे घर बैठे अपने यूएएन को सुरक्षित तरीके से जनरेट और एक्टिवेट कर सकेंगे।
यह अपडेट खासकर उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो खुद से EPFO सेवाओं का उपयोग करना चाहते हैं और तेज़, त्रुटिरहित और सुरक्षित प्रोसेस की अपेक्षा रखते हैं।
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